परिचय
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (रा.बा.बो.) की स्थापना भारत सरकार द्वारा अप्रैल, 1984 में डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, तत्कालीन सदस्य (कृषि), योजना आयोग, भारत सरकार की अध्यक्षता में ‘‘विनाशवान कृषि उत्पादों पर समूह’’ की सिफ़ारिशों के आधार पर की गई थी। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत है तथा इसका मुख्यालय गुरूग्राम में है।
एनएचबी योजनाओं के लक्ष्य एवं उद्देश्य
एनएचबी का मुख्य उद्देष्य बागवानी उद्योग के एकीकृत विकास में सुधार करना और फलों एवं सब्जियों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बनाए रखने और समन्वय बनाने में मदद करना है। बोर्ड के विस्तृत उद्देश्य इस प्रकार हैं
- चिह्नित क्षेत्रों में उच्च-प्रौद्योगिकी वाणिज्यिक बागवानी का विकास और ऐसे क्षेत्रों को बागवानी गतिविधि से गुंजायमान करना जो बाद में बागवानी के विकास के लिए केन्द्रों के रूप में कार्य करेंगे।
- क्षेत्र विस्तार परियोजनाओं के समग्र भाग के रूप में या परियोजनाओं के समूह के लिए सामान्य सुविधाओं के रूप में आधुनिक कटाई-उपरांत प्रबंधन की अवसंरचना का विकास करना।
- ताजे बागवानी उत्पाद के लिए एकीकृत, ऊर्जा कार्यक्षम शीत श्रृंखला अवसंरचना का विकास करना।
- प्रौद्योगिकी और जरूरत निर्धारण करने के पश्चात् वाणिज्यिकरण/अंगीकरण हेतु चिह्नित नई प्रौद्योगिकियों/औजारों/तकनीकों का प्रचार-प्रसार करना।
- कलम तथा प्रकंदन बैंकों/मदर प्लांट नर्सरियों की स्थापना का संवर्धन करते हुए और बागवानी नर्सरियों के प्रत्यायन/मूल्यांकन करते हुए तथा रोपण सामग्री के आवश्यकता आधारित आयातों द्वारा गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान करना।
- ताजे बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देना तथा बाजार का विकास करना।
- नए विकसित/आयातित रोपण सामग्री और अन्य कृषि निवेशों, उत्पादन प्रौद्योगिकी, पी.एच.एम. प्रोटोकॉल्स, आई.एन.एम. तथा आई.पी.एम. प्रोटोकॉल्स के फील्ड परीक्षणों को बढ़ावा देना तथा उद्गम प्रौद्योगिकी के वाणिज्यिकरण हेतु अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
- लेबर लागत कम करने और बागवानी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बागवानी में फार्म मषीनीकरण को इसके प्रदर्षन और किसानों के खेतों में इसके उपयोग के माध्यम से बढ़ावा देना।
- पी.एच.एम. प्रोटोकॉलों के लिए अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, ताज़े बागवानी उत्पाद के लिए महत्वपूर्ण भंडारण परिस्थितियां निर्धारित करना, शीत श्रृंखला अवसंरचना के लिए तकनीकी मानकों के तलचिह्न स्तर निर्धारित करना आदि।
- उत्पादकों/किसानों तथा सेवा प्रदाताओं जैसे बाग़बानों, मालियों, फार्म स्तर पर कुशल कामगारों, कोल्ड स्टोरेज़ों में परिचालक, ताज़े बागवानी उत्पाद के प्रसंस्करण सहित फसल-कटाई उपरांत प्रबंधन करने वाले कार्यबल और मास्टर प्रशिक्षकों को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण।
- बागवानी उत्पाद और उत्पादों के उपभोग को बढ़ावा देना।
- रेल आदि के माध्यम से बागवानी उत्पाद के थोक आवागमन के लिए लम्बी दूरी परिवहन समाधान को बढ़ावा देना।
- बागवानी के व्यवस्थित विकास के लिए अल्पावधि और दीर्घावधि रणनीतियाँ विकसित करने और अवरोधों की पहचान करने के लिए अध्ययन और सर्वेक्षण करना तथा सलाहकारी एवं परामर्ष सेवाओं सहित तकनीकी सेवाएं उपलब्ध करवाना।